ख़्वाहिशें

ज़िन्दगी की तमाम तमन्नाओं से रूबरू होने के बाद, जब थक कर एक ठंडी आह भरोगे तुम, तो याद ज़रूर करना मुझे, की तुम्हारे बिना ये ख़्वाहिशें भी अधूरी सी है।

तुम जब प्यार करना किसी और से, और सोचना की शायद मेरे सम्मोहन में तुम ज्यादा खुश थे तो खुदा करे सच ही हो, मुझसा कोई तुमसे इश्क़ न करे।

जब देखना मुझे बिलखते हुए, कदम बढ़ेंगे तुम्हारे किसी और की तरफ, तो रुक जाना एक पल के लिए एक प्यार की तौहीन खुद को आईने में देखने के लिए।

कलंक हो प्यार का इस दिल पर, कह देना इश्क़ झूठा था तुम्हारा, खेल कर इस दिल से वादा वफ़ा का किया, दिल तोड़कर वफ़ा नसीब तुम्हे भी नहीं होगी।

मिले कोई साथी तुम्हे ऐसा, जब भी हाथ थामो उसका, एहसास मेरे गूँजे तुम्हारी रग रग में, हाथ छुड़ाओ और मेरी ही मेरी याद रहे तुझमे।

याद करो मुझे जब भी तुम, वो जूनून, वो पागलपन भुलाया न जा सके कभी, कतरा कतरा तरसे तुम्हारा मेरे लिए, इस क़दर निशान छोड़े हैं मैंने।

ख़्वाहिशें मेरी जो तेरे संग लिखी थी, कभी पूरी न हो किसी और के साथ, हो जाये मुकम्मल तो याद मेरी ही आये तुम्हे उन्हें जीते हुए।

कोई पूछे कभी तुमसे क्यों हो गुमसुम, तो नाम मेरा ही निकले तुम्हारे लफ्ज़ो और तुम्हारे बेवफ़ा होठों से, जो झूठी कसमें खाकर भी रोज़ एक निवाला खा लेते हैं।

कभी जाओ तुम उन जगहों पर जहाँ मैंने अपने प्रेम के पल संजोये थे तुम्हारे साथ, तो आँखें भर आये और सॉंस लेना भी दुश्वार हो जाये तुम्हारा जब मेरा अक्स दिखे वहां तुम्हे।

जितनी दफा झूठ बोले तुमने, सच जानते हुए भी एक और मौका दिया तुम्हे, छुपाओ जब कोई सच मुझसे, दिल में दर्द हो तुम्हारे, मेरे निस्वार्थ प्रेम का ये सिला दिया तुमने।

जब भी देखो किसी को उन प्यार भरी नज़रो से और बदले में प्रेरणा न मिले , तो याद आएं तुम्हे मेरे साथ गुज़ारे वो लम्हे वो रातें जब तुम आडंबर त्याग कर वास्तविकता का वहन करते थे।

जब भी गुज़रे तुम्हारी रातें किसी और की बाहों में, रूह बिखर जाये और मेरे पास आने को कसमसाए , ऐसे जोड़ा था नाता तुमसे।

दिल मांगो किसी से और दिल निकाल कर न रखदे अगर वो, तो एहसान तेरा ये मुझपर होगा, प्यार मेरा सच्चा था, घाटा भी तेरा होगा, प्यार नसीब न हो कभी तुम्हे, ऐसे तुम्हारे दिल पर कब्ज़ा किया था मैंने।

अपनी अच्छाई से ज्यादा तुम्हारे झूठे प्रेम पर भरोसा किया था, यकीनन एक दिन बहुत रोना आएगा जब मुझे खो दोगे तुम तो खुदा भी वापस नहीं ला पाएगा।

एक ही बार होता है प्यार, एक ही दफा होता है, वापस भी आओगे अगर ये सोच कर की वही दिल है वही जान है, दोनों तुझपर कुर्बान है, तो वक़्त गुज़र चुका होगा, रात बीत चुकी होगी , मेरा प्यार भी हार चुका होगा।

वैसा इश्क़ दुबारा न हो सकेगा। .. दुबारा न हो सकेगा, है लेकिन एक आखिरी ख़्वाहिश मेरी, तुझसे फिर से इश्क़ हो जाये, मेरे दिल की ये दरार वापस भर जाये, तेरा दिल मेरी कीमत समझ जाए और तू थोड़ा सा ही सही मुझे भी खोने से डर जाये।

और जिस दिन तोड़ू दिल तेरा, खुदा भी मुस्कुराये कि प्यार को प्यार का वास्ता है, तू बिन मिले ही समझ जाये ये शख्स जान से ज्यादा चाहता था मुझे, मेरी खुदगर्ज़ी से ही खो दिया उसे मैंने इस जन्म और आगे आने वाले हर जन्म के लिए।

तोड़ लिया ये बंधन हमेशा के लिए , खो दिया हमेशा के लिए प्यार पाने का हक़ भी , प्यार हो और मुमकिन न हो, प्यार हो पर महसूस न हो , प्यार हो और महफूज़ न हो।

तुम्हारी याद में एक आखिरी पत्र इस दुनिया से विदा लेने ले लिए, हमेशा के लिए , तुम्हे भूल न पाए तो दिल की धड़कनो को थामने के लिए जो मरने के बाद भी तेरे लिए ही धड़केगा।

तुम्हारा . . . . .

Author: Onesha

She is the funny one! Has flair for drama, loves to write when happy! You might hate her first story, but maybe you’ll like the next. She is the master of words, but believes actions speak louder than words. 1sha Rastogi, founder of 1shablog.com.

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