कशिश

ये बहती हुई सर्द हवाओं की साज़िश है,
तेरी बाँहों में आने की गुज़ारिश है।

ये रात है रूमानी सी और चाँद है महका सा,
हल्का हल्का सा, मेरा मन भी है बहका सा।

ढूंढता हूँ मैं , तेरे संग सिमटने की वो गरमाहट ,
मेरे मन में बसती है, तेरी वो प्यार भरी मुस्कराहट।

ये मौसम है सुहाना, तेरे मेरे इश्क़ का ,
तेरे हसीन किस्सों का और मेरे बेलफ़्ज़ जज्बातों का।

तेरी सुन्दर अदा और मुस्कान के दीवाने हैं,
जलते तेरे लिए,न जाने कितने ही परवाने हैं।

तेरी याद में तड़पते हैं, हर एक पल हम मरते हैं,
नज़रों के सामने मेरी, तेरे होने की ख्वाहिशें करते हैं।

तेरे लफ्ज़ सुनकर हम ऐसे पिघलते हैं ,
जैसे हर पल साँसों में अपनी, तेरी साँसों के लिए सुलगते हैं ।

बिन छुए तुझे छू जाने को दिल चाहता है,
लब पर तेरे, अपने होठों से प्रेम दिखलाने को प्यासा है।

तेरे मिलन की खुशबू मेरे हर पल में समाई है,
ओ पिया, कैसी तेरी ये याद आज फिर से हो आयी है।

मेरे हाथों में ये तेरे हाथ आकर, कुछ यूँ थम जाएं,
कि ये गुज़रता हुआ वक़्त भी एक पल के लिए, मेरे प्रेम की खातिर ठहर जाये।

तेरी कत्थई आँखों में, खो बैठा है ये मेरा दिल,
तेरा नाम लेने से ही, एक नज़र भर देख लेने से ही , मेरा चेहरा जाता है खिल।

ये कैसी दूरी है , ये कैसी कशिश है?
तेरे न होने की कैसी खलिश है, ये कैसी तपिश है ?

तेरी हँसी देखकर, मेरा जिया जलता है, मचलता है,
तुम्हारे पास आने को, हर क्षण ये तरसता रहता है।

ये दिल है तुम्हारा अबसे और तुम्हे खो देने से डरता है,
कैसे कहें कि, तुमसे बेहद और बेपनाह मोहब्बत करता है।

Author: Onesha

She is the funny one! Has flair for drama, loves to write when happy! You might hate her first story, but maybe you’ll like the next. She is the master of words, but believes actions speak louder than words. 1sha Rastogi, founder of 1shablog.com.

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